IPC 491 In Hindi | IPC Section 491 in Hindi | आईपीसी धारा 491 क्या है?

इस पोस्ट मे आपको Indian Penal Code (IPC) की IPC 491 In Hindi मे जानकारी दी गई है। इसमे मैने पूरी तरह से IPC 491 In English की पूरी जानकारी मैने दी है।

क्योंकि इसकी जानकारी हर एक अधिवक्ता व वकील को तो होनी ही चाहिए तथा अगर आप पुलिस मे है या फिर आप विधि से संबंधित छात्र हैं तो भी आपको IPC Section 491 In Hindi के बारे मे जानकारी जरूर होनी चाहिए। जिससे की आप कहीं कभी फंसें नहीं और न ही कोई आपको दलीलों में फंसा सके। तो चलिए जानते है IPC Dhara 491 Kya Hai.

Dhara 491 Kya Hai

इस ipcsection.com पोर्टल के माध्यम से यहाँ ipc dhara 491 क्या बताती है? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी और आपको धारा 491 के बारे मे सारी जानकारी हो जाएगी। साथ ही यह पोर्टल IPCSECTION.com पर और भी अन्य प्रकार के भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में मैंने काफी विस्तार से बताया गया है आप उन Posts के माध्यम से अन्य धाराओं यानी section के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

IPC 491 In Hindi

491 IPC In Hindi – असहाय व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने और उनकी आपूर्ति करने के लिए अनुबंध का उल्लंघन।
जो कोई भी, किसी भी व्यक्ति की देखभाल करने या उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक वैध अनुबंध से बाध्य होने के कारण, युवावस्था, या मानसिक अस्वस्थता, या किसी बीमारी या शारीरिक कमजोरी के कारण, अपनी खुद की सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ या अक्षम है या अपनी स्वयं की आवश्यकताओं की आपूर्ति करने के लिए, स्वेच्छा से ऐसा करने से चूक जाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो दो सौ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों के साथ दंडित किया जाएगा।

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IPC Section 491 In English

IPC Section 491 – Breach of contract to attend on and supply wants of helpless person.
Whoever, being bound by a lawful contract to attend on or to supply the wants of any person who, by reason of youth, or of unsoundness of mind, or of a disease or bodily weakness, is helpless or incapable of providing for his own safety or of supplying his own wants, voluntarily omits so to do, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three months, or with fine which may extend to two hundred rupees, or with both.

Note – If you have any issue so prefer only English Verison of this IPC section.

IPC 491 Kya Hai?

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तो आपक IPC 491 In Hindi और IPC Section 491 की यह जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, यहाँ मैने 491 IPC dhara in hindi में इसकी पूरी जानकारी देदी है। बाकी पोस्ट को शेयर जरूर करें।

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