IPC 421 In Hindi | IPC Section 421 in Hindi | आईपीसी धारा 421 क्या है?

इस पोस्ट मे आपको Indian Penal Code (IPC) की IPC 421 In Hindi मे जानकारी दी गई है। इसमे मैने पूरी तरह से IPC 421 In English की पूरी जानकारी मैने दी है।

क्योंकि इसकी जानकारी हर एक अधिवक्ता व वकील को तो होनी ही चाहिए तथा अगर आप पुलिस मे है या फिर आप विधि से संबंधित छात्र हैं तो भी आपको IPC Section 421 In Hindi के बारे मे जानकारी जरूर होनी चाहिए। जिससे की आप कहीं कभी फंसें नहीं और न ही कोई आपको दलीलों में फंसा सके। तो चलिए जानते है IPC 421 Kya Hai.

Dhara 421 Kya Hai

इस ipcsection.com पोर्टल के माध्यम से यहाँ ipc dhara 421 क्या बताती है? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी और आपको धारा 421 के बारे मे सारी जानकारी हो जाएगी। साथ ही यह पोर्टल IPCSECTION.com पर और भी अन्य प्रकार के भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में मैंने काफी विस्तार से बताया गया है आप उन Posts के माध्यम से अन्य धाराओं यानी section के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

IPC 421 In Hindi

421 IPC In Hindi – लेनदारों के बीच वितरण को रोकने के लिए बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति को हटाना या छिपाना।
जो कोई भी बेईमानी से या धोखाधड़ी से किसी भी संपत्ति को हटाता है, छुपाता है या वितरित करता है, या किसी भी व्यक्ति को पर्याप्त विचार किए बिना, किसी भी व्यक्ति को स्थानांतरित करता है या स्थानांतरित करने का कारण बनता है, जिससे उसे रोकने का इरादा है, या यह जानते हुए कि वह इसके द्वारा रोक देगा, वितरण उसके लेनदारों या किसी अन्य व्यक्ति के लेनदारों के बीच कानून के अनुसार उस संपत्ति का, वह दोनों में से किसी भी विवरण के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकती है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा
– 2 वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों – गैर-संज्ञेय – जमानती – किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय – लेनदार द्वारा समाशोधन योग्य, जो अदालत की अनुमति से प्रभावित होते हैं।

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IPC Section 421 In English

IPC Section 421 – Dishonest or fraudulent removal or concealment of property to prevent distribution among creditors.
Whoever dishonestly or fraudulently removes, conceals or delivers to any person, or transfer or causes to be transferred to any person, without adequate consideration, any property, intending thereby to pre­vent, or knowing it to be likely that he will thereby prevent, the distribution of that property according to law among his creditors or the creditors of any other person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both
CLASSIFICATION OF OFFENCE
Punishment
– Imprisonment for 2 years, or fine, or both—Non-cogniz­able—Bailable—Triable by any Magistrate—Compoundable by the credi­tor who are affected thereby with the permission of the court.

आईपीसी धारा 421 क्या है?

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तो आपक IPC 421 In Hindi और IPC Section 421 की यह जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, यहाँ मैने 421 IPC dhara in hindi में इसकी पूरी जानकारी देदी है। बाकी पोस्ट को शेयर जरूर करें।

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