IPC 217 In Hindi | IPC Section 217 in Hindi | आईपीसी धारा 217 क्या है?

इस पोस्ट मे आपको Indian Penal Code (IPC) की IPC 217 In Hindi मे जानकारी दी गई है। इसमे मैने पूरी तरह से IPC 217 In English की पूरी जानकारी मैने दी है।

क्योंकि इसकी जानकारी हर एक अधिवक्ता व वकील को तो होनी ही चाहिए तथा अगर आप पुलिस मे है या फिर आप विधि से संबंधित छात्र हैं तो भी आपको IPC Section 217 In Hindi के बारे मे जानकारी जरूर होनी चाहिए। जिससे की आप कहीं कभी फंसें नहीं और न ही कोई आपको दलीलों में फंसा सके। तो चलिए जानते है IPC 217 Kya Hai.

Dhara 217 Kya Hai

इस ipcsection.com पोर्टल के माध्यम से यहाँ ipc dhara 217 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी और आपको धारा 217 के बारे मे सारी जानकारी हो जाएगी। साथ ही यह पोर्टल IPCSECTION.com पर और भी अन्य प्रकार के भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में मैंने काफी विस्तार से बताया गया है आप उन Posts के माध्यम से अन्य धाराओं यानी section के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

IPC 217 In Hindi

217 IPC In Hindi – किसी व्यक्ति को दंड से या संपत्ति को जब्ती से बचाने के इरादे से कानून के निर्देश की अवहेलना करने वाला लोक सेवक।
जो कोई, एक लोक सेवक होने के नाते, जानबूझकर कानून के किसी भी निर्देश की अवज्ञा करता है कि उसे लोक सेवक के रूप में खुद को किस तरह से आचरण करना है, जिससे उसे बचाने का इरादा है, या यह जानते हुए कि वह किसी भी व्यक्ति को बचाने की संभावना रखता है। कानूनी दंड, या उसे उस से कम सजा के अधीन जिसके लिए वह उत्तरदायी है, या बचाने के इरादे से, या यह जानते हुए कि वह संपत्ति को जब्ती से बचाने की संभावना है, या किसी भी आरोप के लिए जिसके लिए वह कानून द्वारा उत्तरदायी है, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।

IPC Section 217 In Hindi
ipc section

IPC Section 217 In English

IPC Section 217 – Public servant disobeying direction of law with intent to save person from punishment or property from forfeiture.
Whoev­er, being a public servant, knowingly disobeys any direction of the law as to the way in which he is to conduct himself as such public servant, intending thereby to save, or knowing it to be likely that he will thereby save, any person from legal punish­ment, or subject him to a less punishment than that to which he is liable, or with intent to save, or knowing that he is likely thereby to save, any property from forfeiture or any charge to which it is liable by law, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.

आईपीसी धारा 217 क्या है?

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तो आपक IPC 217 In Hindi और IPC Section 217 की यह जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, यहाँ मैने 217 IPC dhara in hindi में इसकी पूरी जानकारी देदी है। बाकी पोस्ट को शेयर जरूर करें।

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