IPC 165 In Hindi | IPC Section 165 in Hindi | आईपीसी धारा 165 क्या है
इस पोस्ट मे आपको Indian Penal Code (IPC) की IPC 165 In Hindi मे जानकारी दी गई है। इसमे मैने पूरी तरह से IPC 165 In English की पूरी जानकारी मैने दी है।
क्योंकि इसकी जानकारी हर एक अधिवक्ता व वकील को तो होनी ही चाहिए तथा अगर आप पुलिस मे है या फिर आप विधि से संबंधित छात्र हैं तो भी आपको IPC Section 165 In Hindi के बारे मे जानकारी जरूर होनी चाहिए। जिससे की आप कहीं कभी फसें नहीं और न ही कोई आपको दलीलो मे फंसा सके। तो चलिए जानते है IPC 165 Kya Hai.
Dhara 165 Kya Hai
इस ipcsection.com पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 165 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी और आपको धारा 165 IPC In Hindi के बारे मे सारी जानकारी हो जाएगी। साथ ही यह पोर्टल www.ipcsection.com पर और भी अन्य प्रकार के भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में मैने काफी विस्तार से बताया गया है आप उन Posts के माध्यम से अन्य धाराओं यानी section के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
IPC 165 In Hindi
IPC Dhara 165 – लोक सेवक ऐसे लोक सेवक द्वारा किए गए किसी भी कार्यवाही या व्यवसाय में संबंधित व्यक्ति से बिना प्रतिफल के कोई मूल्यवान वस्तु प्राप्त करना।
जो कोई, एक लोक सेवक होने के नाते, अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए, किसी भी मूल्यवान वस्तु को बिना प्रतिफल के, या ऐसे प्रतिफल के लिए, जिसे वह अपर्याप्त होना जानता है, स्वीकार करता है या प्राप्त करता है, या स्वीकार करने के लिए सहमत होता है या प्राप्त करने का प्रयास करता है। वह जानता है, रहा है, या होने वाला है, या होने की संभावना है कि वह किसी भी कार्यवाही या व्यवसाय से संबंधित है, या ऐसे लोक सेवक द्वारा किए जाने के बारे में है, या स्वयं या किसी लोक सेवक के आधिकारिक कार्यों से कोई संबंध है जिसका वह अधीनस्थ है, या किसी ऐसे व्यक्ति से जिसके बारे में वह जानता है कि वह इस प्रकार संबंधित व्यक्ति में रुचि रखता है या उससे संबंधित है; साधारण कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
नोट – भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (1988 का 49), धारा 31 . द्वारा छोड़ा गया
IPC Section 165 In English
IPC Section 165 – Public servant obtaining any valuable thing, without consideration, from person concerned in any proceeding or business transacted by such public servant.
Whoever, being a public servant, accepts or obtains, or agrees to accept or attempts to obtain, for himself or for any other person, any valuable thing, without consideration, or for a consideration which he knows to be inadequate, from any person whom he knows, to have been, or to be, or to be likely to be concerned in any proceeding or business transacted, or about to be transacted by such public servant, or having any connection with the official functions of himself or of any public servant to whom he is subordinate, or from any person whom he knows to be interested in or related to the person so concerned; shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
Note – Omitted by the Prevention of Corruption Act, 1988 (49 of 1988), section 31
आईपीसी धारा 165 क्या है
165 IPC मे “लोक सेवक ऐसे लोक सेवक द्वारा किए गए किसी भी कार्यवाही या व्यवसाय में संबंधित व्यक्ति से बिना प्रतिफल के कोई मूल्यवान वस्तु प्राप्त करना।“के बारे मे बताया गया है। जिसमे जो कोई, एक लोक सेवक होने के नाते, अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए, किसी भी मूल्यवान वस्तु को बिना प्रतिफल के, या ऐसे प्रतिफल के लिए, जिसे वह अपर्याप्त होना जानता है, स्वीकार करता है या प्राप्त करता है।
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तो आपक IPC 165 In Hindi और IPC Section 165 In Hindi की यह जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं, यहाँ मैने IPC Dhara 165 Kya Hota Hai इसकी पूरी जानकारी देदी है। बाकी पोस्ट को शेयर जरूर करें।